कल कल करती बहती अविरल धारा कर रही शहर, प्रदेश और देश को समृद्ध
प्रफुल्ल तिवारी संपादक
सत्य की आवाज नर्मदापुरम
मां नर्मदा की अविरल धारा शहर, प्रदेश और देश को समृद्ध कर रही है । मां नर्मदा पवित्र नदी है, इसके दर्शन मात्र से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है । मां नर्मदा एक ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा होती है और यह विपरीत दिशा में बहती है । प्रदेश को उन्नत बनाने वाली मां नर्मदा का आज प्रकटोत्सव श्रद्धा, उत्साह, हर्षोल्लास और उमंग से मनाया जा रहा है । मां नर्मदा ऋषि मुनियों की तपस्थली है। यह अमरकंटक से निकलकर अविरल धारा के रूप में भेड़ाघाट , बरमान घाट, बांद्राबान, सेठानी घाट, ओंकारेश्वर, महेश्वर होते हुए भड़ूच होते हुए गुजरात के खंभात की खाड़ी में यह गिरती है । मां नर्मदा को रेवा , मंदाकिनी, बिपाशा, कुंवारी , तमसा , शांकरी, अमृता आदि नाम से भी पुकारा जाता है । मां नर्मदा का हर कंकर शिव शंकर है और इसके किनारों पर कई दर्शनीय स्थान के साथ घाट भी है। मां नर्मदा के किनारे बड़े-बड़े ऋषि मुनि तपस्या कर रहे हैं और आश्रम बने हुए हैं। मां नर्मदा की लोग पैदल यात्रा कर पुण्य कमाते हैं। इसकी धारा मध्य प्रदेश सहित देश को उन्नति की राह पर ले जा रही है। आज मां का प्रकटोत्सव मनाया जा रहा है। मां नर्मदा की जयंती पर सभी को बारंबार शुभकामनाएं हर हर नर्मदे..