प्रफुल्ल तिवारी नर्मदापुरम।
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के यहां मिली करोड़ों की संपत्ति का मामला तो राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है लेकिन नर्मदापुरम में भी परिवहन विभाग के एक अधिकारी से जुड़ा मामला हुआ है जिसे रफा दफा कर दिया गया है। इसकी शहर से लेकर भोपाल तक खासी चर्चा है। बताया जाता है कि परिवहन विभाग के अधिकारी बाहर पदस्थ हैं लेकिन उनका निवास नर्मदापुरम में है। सौरभ शर्मा का मामला उजागर होने के बाद उन्होंने एक करोड रुपए अपनी एक परिचित महिला को रखने के लिए थे। सौरभ शर्मा का मामला अब कोर्ट की दहलीज पर पहुंच चुका है। मामले में ईडी, आयकर और लोकायुक्त की जांच पड़ताल भी धीमी हो गई, तो उक्त अधिकारी अपना पैसा वापस लेने महिला के पास गए तो उसने एक करोड़ रु. की बजाए सिर्फ 95 लाख रु. अधिकारी को लौटाए। सूत्रों के मुताबिक महिला का कहना था कि जोखिम उठाकर आपके पैसे रखे इस कारण पांच प्रतिशत राशि मेरी बनती है जो मुझसे खर्च हो गई। इसी बात पर विवाद हुआ और थाने तक पहुंचा । सूत्रों से जानकारी मिली है कि मामला थोड़ा रास्ते में और बाकी थाने की चौखट पहुंचने पर रफा दफा कर दिया गया है । इस बात शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। भोपाल में आरटीओ का भी ताजा मामला चर्चा में है। इस मामले में आरटीओ में काम करने वाले प्यून ने कई ऐसे राज खोले थे जिसमें कई अधिकारी और नेताओं की डायरी में नाम मिले थे। इस मामले में आरटीओ में कार्यरत चपरासी के पास इतनी बड़ी रकम कहां से प्राप्त हुई थी और कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं । बताया जाता है इसकी कड़ी नर्मदा पुरम में भी जुड़ी हुई है। इतनी बड़ी रकम महिला को दी थी जो बोरी में बंद करके गोपाल कुंज में रखी गई थी। यह राशि कहां से और कैसे पहुंची यह एक विचारणीय विषय है? आखिर अपने परिचित को यह राशि क्यों रखने को दी गई और कहां से आई यह भी एक जांच का विषय है?