व्यवसायिक काम्पलेक्स व नर्मदा तट पर बने भवनों की नियम विरुद्ध बनाई एनओसी
सबूत मिटाने एनओसी की फाइलें भी गुमा दीं
नर्मदापुरम।
शहर में विभिन्न स्थानों पर नियमों को ताक में रख अवैध रुप से बड़े-बड़े व्यापारिक कॉम्प्लेक्स भवन बन गए है, जिसका असर न सिर्फ शहर के सौंदर्यीकरण पर पड़ रहा है बल्कि शहर के मास्टर प्लान की भी अनदेखी हो रही है। वहीं ट्रेफिक जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। खास बात यह है कि जितने भी माल और व्यापारिक कांपलेक्स बनाए गए हैं, उनमें से कई भवनों की अनुज्ञा एवं एनओसी नगरपालिका से आफ लाइन जारी की गई है। नगरपालिका के सूत्रों के मुताबिक नपा के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री रमेश शुक्ला के कार्यकाल के दौरान एक बाबू के माध्यम से सांठ-गांठ कर ऐसे भवनों की अनापत्ति प्रमाण पत्र एनओसी आफलाइन जारी की गई हैं। जिनके दस्तावेजों में शुक्ला के हस्ताक्षर हैं। साथ ही कई दस्तावेज नगरपालिका में गुम भी कर दिए हैं। जबकि नगरपालिका एनओसी जारी करने के लिए आनलाइन नियम प्रक्रिया का प्रावधान है। जानकारी के मुताबिक शहर के सर्किट हाउस चौराहे पर बने वेल्यू वैरायटी कांपलेक्स की एनओसी भी तात्कालीन कार्यपालन यंत्री रमेश शुक्ला ने ही आफलाइन जारी की है। वहीं नर्मदा किनारे स्थित हुए अवैध निर्माणीधान भवनों की एनओसी भी नगरपालिका से आफलाइन जारी कर दी गई है। वहीं अब ऐसे काम्पलेक्स की एनओसी नगरपालिका की मुसीबत बन गई हैं।
रमेश चंद्र शुक्ला पीएम आवास योजना के भ्रष्टाचार का मास्टर माइंड
नगरपालिका के पूर्व कार्यपालन यंत्री रमेश चंद्र शुक्ला प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार का मास्टरमांइड भी है। जिसकी जांच में शुक्ला दोषी पाए गए। विधानसभा स्तर तक भी यह मामला उठाया गया। लेकिन दोषियों पर कोई कार्रवाई नही हो सकी। जानकारी के मुताबिक रमेश चंद्र शुक्ला की पहुंच भोपाल स्तर तक के अधिकारियों तक है। इस वजह से वह हर बार कार्रवाई से बच गए।
कई व्यापारिक काम्पलेक्स की अनुमति शुक्ला ने नियम विरूध्द की
जानकारी के मुताबिक शहर के ऐसे कई व्यापारिक काम्पलेक्स हैं, जो नियम विरूध्द बनाए गए हैं। वहीं इनकी अनापत्ति प्रमाण पत्र तत्कालीन कार्यपालन यंत्री रमेश चंद्र शुक्ला ने आनलाइन नियमों से करने की बजाय आफलाइन जारी कर दी। नगरपालिका में जांच की जाए तो ऐसी कई एनओसी और भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र हैं जो कि शुक्ला के साइन के द्वारा आफलाइन जारी की गई हैं। खास बात यह है कि ऐसे भवनों की दस्तावेजों की फाइलें नपा से शुक्ला के द्वारा जान बूझकर गुम करनेे की जानकारी भी सूत्रो ंसे मिली है। ताकि बाद में कोई सबूत ना बच सके।